- Get link
- X
- Other Apps
हिम के आँचल में, जहाँ साँसें ठिठुरतीं,
पहाड़ों की गोद में, गाथाएँ गूँजतीं।
कारगिल की माटी, रक्त से सनी,
वीरों की अमर कहानी, सदा है चमकती।
टोलोलिंग की चोटियाँ, टाइगर हिल का मान,
जहाँ वीरों ने लिखा, शौर्य का महागान।
तिरंगे की शपथ लिए, सीना तान खड़े हुए,
शत्रु की हर मंशा को, राख में बदल दिए।
“ये दिल माँगे मोर”, बत्रा की वो हुंकार,
पहाड़ों पर गूँजा, जैसे वज्र-संनाद।
अनुज की हँसी में, थी वीरता की आग,
हर माँ का लाल, भारत का अनुराग।
गोलों की बारिश, धुएँ का अंधकार,
पर साहस का सूरज न कभी गया हार।
हर बलिदान ने लिखा, एक नया इतिहास,
रोशन किया देश का, सदा का विश्वास।
छब्बीस जुलाई, वो स्वर्णिम क्षण,
जब शौर्य ने रचा, विजय का सुमन।
नमन उन वीरों को, जिनके बलिदान से,
भारत माँ का मस्तक, रहा ऊँचा सम्मान से।
Comments
Post a Comment